गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

जिस नगरी म्हारे साहिब बैठे, वो बेगमपुर कैसा है - कबीर के दोहे हिंदी में अर्थ class 7

कबीर दास का जीवन परिचय 300 शब्दों में

Kabir ke Shabd

जिस नगरी म्हारे साहिब बैठे, वो बेगमपुर कैसा है।।
है कोई ऐसा जाए मिलावै,
हमको यही अंदेसा है।।

बहुत दिनों से चाव हमारे,
हरि प्रीतम किस वेशां है।।

चरण कमल हम कब लग परसां,
निरखें नूर नरेशां हैं।
नित्यानन्द महबूब गुमानी,
मिलते रहो हमेशा हैं।।

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