मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

गनगौर व्रत

गनगौर व्रत

यह ब्रत चैत्र शुक्ल तृतीया को होता है। इस दिन सुहागन स्त्रियां व्रत रखती हैं। गणगोर शब्द गण और गौर दो शब्दों से बना है। गण का अर शिव और गौर का अर्थ पार्वती होता है। कहा जाता है इसी दिन भगवान शंकर ने अपनी अरदद्धांगिनी पार्वती का तथा पार्वती ने तमाम स्त्रियों को सौभाग्यवर दिया था।

gangaur vart

पूजा के समय मिट्टी की गौरी मां (गौर) बनाकर उस पर चूड़ी, महावर, सिन्दूर चढ़ाने का विशेष महत्त्व है। चन्दन, अक्षत, धृप, दीप, नैवेद्य से पूजन करने, सुहाग सामग्री चढ़ाने और भोग लगाने का नियम है। यह ब्रत करने वाली स्त्रियों को गौर पर चढे सिन्दूर को अपनी माँग में लगाना चाहिए यह बहुत ही शुभ माना जाता है। 

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