मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

गनगौर व्रत की पूजन का गीत

गनगौर व्रत की पूजन का गीत

  • gangaur vart ke poojan ka geet
  • गौर गौर गोमती ईसर पूजे पार्वती

  • पार्वती का आला-गीला , गौर का सोना का टीका

    टीका दे , टमका दे , बाला रानी बरत करयो

    करता करता आस आयो वास आयो

    खेरे खांडे लाडू आयो , लाडू  ले बीरा ने दियो

    बीरो ले मने पाल दी , पाल को मै बरत करयो

    सन मन सोला , सात कचौला , ईशर गौरा दोन्यू जोड़ा

    जोड़ ज्वारा ,गेंहू ग्यारा , राण्या  पूजे राज ने , म्हे पूजा सुहाग ने

    राण्या को राज बढ़तो जाए , म्हाको सुहाग बढ़तो जाय ,

    कीड़ी- कीड़ी , कीड़ी ले , कीड़ी थारी जात है , जात है गुजरात है ,

    गुजरात्यां को पाणी , दे दे थाम्बा ताणी

    ताणी में सिंघोड़ा , बाड़ी में भिजोड़ा

    म्हारो भाई एम्ल्यो खेमल्यो , सेमल्यो सिंघाड़ा ल्यो

    लाडू ल्यो , पेड़ा ल्यो सेव ल्यो सिघाड़ा ल्यो

    झर झरती जलेबी ल्यो , हरी -हरी दूब ल्यो गणगौर पूज ल्यो

    इस तरह सोलह बार बोल कर आखिरी में

    बोले एक-लो , दो-लो ,तीन लो  ……..सोलह-लो।

  • कहें लो, फिर 4 में गेहूँ के आखे व जवारे लेकर गणगौर की कहानी कहें और सुनें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें