गंगा दशहरा
जेठ सुदी दशमी को जेठ का दशहरा आता है। उस दिन सुबह गंगा जी में स्नान करते हैं। गंगाजी की पूजा करते हैं और गंगाजी में दूध और बताशे चढाते हैं। जल, रोली, चावल, मोली, नारियल, दक्षिणा चढ़ाकर और दीया जलाते हैं। इस दिन शिवलिंग के पूजन कार्य का भी विधान है।गंगा दशहरे के दिन आपके घर में जितने मर्द, बेटे हों उतने जनों का सवा सेर आटे का चूरमा और पूड़ी बनाकर हनुमानजी की पूजा कर सीरा चूरमा पूड़ी अपने नौकरों ओर ब्राह्मणों में बाँट दें और इसमें से रात को बासी न रखें और घर का कोई भी आदमी उसमें से चूरमा-पूरी न खाये। सवा सेर आटे का चूरमा अलग से खाने के लिये बना लें। हनुमान जी का भोग लगाकर उसमें से सब कोई खा लें। उसमें से चूरमा बासी रख सकते हैं।
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